Northeast Zone - Vastu Dosh & Nivaran

ईशान दिशा का स्वामी रूद्र, आयुध त्रिशूल एवं प्रतिनिधि ग्रह बृहस्पति है। इससे कालपुरुष की दाई आंख प्रभावित रहती है। जन्मकुंडली का द्धितीय एवं तृतीय भाव ईशान में आता है। ईशान अत्यधिक पवित्र दिशा है इसलिए इसकी सुरक्षा होना अनिवार्य है।

NORTH EAST 33.75° TO 56.25°

BLUE, BLACK, GREY, WHITE, RED, YELLOW

JUPITER

PUNARVASU
VISHAKHA
PURVA BHADRAPADA

Wavy

PUKHRAJ
( पुखराज रत्न )

Lord Ganesha

Indra Dev

सोना
GOLD

SAGITTARIUS
धनु

PISCES
मीन

Remedies With Gemstone

ईरो स्वरिक निक्षिप्य (Sphatik)
रत्नों को स्वास्तिक यंत्र के नीचे स्वच्छ कर अभिमंत्रित कर फिर से पृथ्वी के अंदर रखा जाता है

Element : WATER

Vastu Dosh

1) यदि वहा टॉयलेट हो तो उस वंश का ह्रास हो जाएगा। वह आगे नहीं बढ़ेगा। संतान निकम्मी होगी। घर में हमेशा कलह रहेगा।

2) ब्लॉक के अंत में मकान हो और नैऋत्य में गड्ढ़े हो तो दुष्परिणाम भोगने पड़ते हैं।

3) बाहर या घर में पूर्व-उतर में मध्य स्थान की अपेक्षा ऊँचे चबूतरे नहीं होने चाहिए। पूर्व में बने चबूतरों के कारण पुरुषों का तथा उतरी दिशा में निर्मित चबूतरों के कारण स्त्रियों को दुष्परिणाम सहन करने पड़ते है।

4) यदि दक्षिणी द्धार की अपेक्षा उतरी द्धार और पश्चिमी द्धार की अपेक्षा पूर्वी द्धार ऊंचाई पर हो तो भयंकर दुष्परिणाम होंगे।

5) यदि घर या चारदीवारी का ईशान घट जाए तो पुत्र संतान की प्राप्ति नहीं होगी। यदि हो भी जाए तो वह विकलांग, मतिभ्रमित तथा अल्पायु होगी।

6) यदि ईशान को छोड़कर किसी भी अन्य दिशा में कुआं या गड्डा हो तो मकान मालिक को दुष्परिणाम भोगने होंगे।

7) यदि ईशान दिशा में झोपड़ियां तथा पूर्व-उतर की दीवारों से सटाकर मकान बनवाया जाए तो वंश विनाश एवं दरिद्रता भोगनी पड़ेगी।

8) ईशान में कूड़ा-करकट अथवा पत्थरो का ढेर होने से शत्रुवृद्धि होगी, आयु कम होगी एवं दुश्चरित्रता बढ़ेगी।

9) यदि ईशान में रसोईघर हो तो गृहकलह एवं धननाश होगा।

वास्तुदोष का निवारण

⇢ ईशान दिशा में नियॉन लैम्प लगाएं।
⇢ द्धार पर रूद्रतोरण लगाएं।
⇢ सोमवार का व्रत रखें।
⇢ नित्य शिवजी की उपासना करें।