Northwest Zone - Vastu Dosh & Nivaran

वायव्य दिशा के स्वामी बटुक एवं आयुध अंकुश है l इस दिशा का प्रतिनिधि ग्रह चंद्र माना गया है l यह कालपुरुष के घुटने एवं हाथों की कुहनी को प्रभावित करता है l जन्मकुंडली का पांचवां-छठा भाव वायव्य के प्रभाव में आता है l

NORTH WEST 303.75° TO 326.25°

GREY, WHITE, YELLOW, BLUE, BLACK

ROHINI
HASTA
SHRAVAN

Circle

MOTI
( मोती रत्न )

Parvati Maa

Durga Maa

तांबा
Bell Metal Copper

CANCER
कर्क

Remedies With Gemstone

गोमेदकं न्ययसे द्धायौ (Gomed)
रत्नों को स्वास्तिक यंत्र के नीचे स्वच्छ कर अभिमंत्रित कर फिर से पृथ्वी के अंदर रखा जाता है

Element : Water

Element : Space

Vastu Dosh

1) यदि वायव्य में शयनकक्ष है तो जातक सर्दी, जुकाम तथा आर्थिक तंगी से पीड़ित एवं कर्जदार बनता है l

2) यदि वायव्य में अध्ययन-कक्ष या लाइब्रेरी है तो परिवार के सदस्यों का मन अस्थिर होगा तथा अध्ययन में अनेक रुकावटें आएंगी l

3) यदि वायव्य में रसोईघर है तो घर की स्त्रियां अस्थिर मन-मस्तिष्क वाली होंगी l

4) यदि वायव्य में बगीचा या पेड़-पौधे है तो गृहस्वामी आध्यात्मिक ऊर्जा का स्वामी, गुप्त शक्तियों का मालिक एवं भाग्यशाली होगा l उसकी जन्मकुंडली में चंद्र तथा पांचवे-छठे घर की स्थिति सुदॄढ होगी l

5) यदि वायव्य में टॉयलेट है तो परिवार के सदस्यों में सुख-शांति कम और बेचैनी अधिक रहेगी l

6) यदि वायव्य ईशान की अपेक्षा निम्न हो और कुएं व गड्ढे भी हों तो उस मकान के निवासियों को अदालती कार्यवाही तथा बिमारियों से जूझना पड़ेगा l

7) यदि वायव्य कक्ष के वायव्य में चूल्हा हो तो घर में अतिथियों का जमघट लगा रहेगा और खाने-पीने का खर्च बढ़ जाएगा l वायव्य कक्ष में आग्नेय में चूल्हा बना सकते हैl

8) देखा गया है की जो घर नीलाम होते हैं, उनमें प्रायः वायव्य दोष होता है l उत्तर-वायव्य का उन्नत होना, वहां कुएं या गड्ढे बने रहना, नैऋत्य से ऊंचा रहना अथवा वायव्य का ढंके रहना इसका प्रमुख कारण है

वास्तुदोष का निवारण

⇢ अपने घर में चंद्र यंत्र लगाएं
⇢ द्वार पर श्वेत गणपति तथा उनके आगे-पीछे रजतयुक्त श्रीयंत्र लगाएं
⇢ दीवारों पर क्रीम कलर करें